Dev Rishi

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वो अमीरों की दौलत भाग 3

वो अमीरों की दौलत भाग 3

अच्छा एक बात बताएगा शिवा....। शिवा ने पीछे साइकिल पर बैठा केशव से कहा। तो फिर केशव ने बोला कि यार ये अमीरों की दौलत देखकर , हमेशा बाज़ार में महंगी वस्तु जैसी लगती है। जिस तरह से बाजार में महंगी वस्तु नहीं खरीद सकते। और न ही छु सकते हैं। ठीक उसी तरह ये अमीरों की हवेली होती है।

तुम्हारे दादा ने खेती के लिए कर्ज क्या लिया। आज तक इस हवेली की गुलामी करनी पड़ती हैं। पीछे शिवा बैठा हां हां बस कहें जा रहा था। वह भी तो सब जानता था कि क्या ग़लत क्या सही है।  और केशव शिवा की चुप्पी का मतलब बड़े अच्छे से समझता था। इसलिए अपने पापा को कभी कभी कहता भी था । कि इन हवेली वालों से दूर ही रहिए।

बातों बातों में एक घंटे की सफर तैय हो गई। हवेली पर पहुंच चुके थे। तो शिवा ने कहा कि मैं शाम में चला आऊंगा। तो तुम परेशान न होना। केशव मुस्कुराया और कहा ठीक है। जाता हूं। अपना ध्यान रखना।  शिवा खुद से कितना प्यार करता हूं नहीं जताया करता था। केशव ही बोल दिया करता था। बस शिवा की चुप्पी ही सब कुछ कह जाते थे।

हवेली के अंदर गया तो बगीचे में मालिक  कुर्सी लगाकर चाय पी रहे थे।  अंग्रेजों की इस हवेली पर मालिक रामसेवक चौहान के पिता ने नौकरी की थी। तब अंग्रेजी के जाने के बाद ही इस हवेली पर इन लोगों ने कब्जा कर लिया था। जिससे कारण आज इन के पास लगभग चालीस बीघा जमीन होगी। जिसमें   खेती बड़े  आराम से करते हैं।

शिवा को देखकर मालिक रामसेवक चौहान बहुत ख़ुश हुए। क्यों कि शिवा के बोली विचार बहुत ही अच्छे लगते थे। शिवा कम ही आना जाना करता था। इससे पहले एक बार और आया था। तब ही चौहान साहब ने श्याम जी से कहें थे कि क्या पढ़ाते लिखाते हो। मेरे यहां रख दो नौकरी करेगा। और बहुत अच्छे तनख़ा भी दूंगा। परंतु शिवा इन सब से दूर रहने वाला था।

अपने मां के हाथों का खाना और  केशव से मिले बिना उसका दिन नहीं चलता था। तो भला इस हवेली में कैसे रह सकता था। इसलिए वह पापा को ही यहां आने कहता था।  रामसेवक चौहान ने शिवा से कहकर आज गोदामों में अनाज की बीस बोरी गेहूं कही जाना था तो उसे नौकरों से भेजने और देखने के लिए कहा था। शिवा अपने काम में लग गया। बारी बारी से हर बोरी का हिसाब किताब लिखते जा रहा था। नौकरी से अपने भाई की तरह बात करता। जब किसी नौकरी से बोरी नहीं उठ पाता तो खुद जाकर मदद कर देता था। दयालु और उपकारी वाली भावना हमेशा से थी।।ये सब गुण अपने माता-पिता से मिली थी। श्याम और बेला भी दुसरो की मदद कर दिया करता था।

जारी है....

देव ✍️✍️

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5 Comments

RISHITA

13-Oct-2023 01:03 PM

V nice

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hema mohril

11-Oct-2023 02:37 PM

Amazing

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Gunjan Kamal

08-Oct-2023 08:50 PM

👏👌

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